दीप मैठाणी, ✍️NIU देहरादून उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक आज सचिवालय में संपन्न हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए खासतौर पर सरकार का आबकारी नीति पर फोकस रहा समस्त अहम निर्णयों के साथ ही विस्तार से पढ़िए क्या कुछ खास है आबकारी नीति में।👇👇
• प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली पर मुहर लगाई गई। सिक्योरिटी एजेंसी की ड्रेस पुलिस आर्मी से अलग होने को लेकर भी फैसला लिया गया।
• विधानसभा का सत्र देहरादून में ही होगा। तिथियों पर निर्णय लेने का अधिकार सीएम को दिया गया। ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैण में होगा।
• आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। 4000 करोड़ के लक्ष्य को 4400 करोड़ किया गया।
• चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों के लिए व्यवस्था। गोल्डन कार्ड से अलग होने वालों को प्रतिपूर्ति मिलेगी।■ दृष्टि पत्र 2022 के तहत राज्य के मेधावी छात्र, जो टॉप 50 यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाएंगे, उन्हें 50 हजार मिलेंगे। एनआइआरएफ के टॉप 50 संस्थान में 100 छात्रों को एडमिशन।
• पंतनगर हवाई पट्टी के रनवे को 3000 मीटर तक विस्तारित किया गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग की 7 किमी लंबी का दोबारा सर्वेक्षण किया जाना है।
• एनएच की जमीन एयरपोर्ट में आएगी। 103 एकड़ भूमि दी जाएगी। एनएच ने मांगा है। अनुमोदन कैबिनेट ने दिया।
• भाषा संस्थान में 21 नए पद सृजित ।
• सेतु के संगठनात्मक ढांचे में आंशिक संशोधन। पदों की योग्यता और भर्ती खुले बाजार से भी।
• चिकित्सा स्वास्थ्य: एक्सरे टेक्नीशियन संवर्ग के ढांचे मेंसंशोधन। पदोन्नति मिल सकेगी।
• आईटीआई में दाखिले लेने वालों को यूनिफॉर्म मिलेगी। शिक्षा विभाग की तरह खाते में पैसा जाएगा।
• अल्मोड़ा में योगदा आश्रम सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वाराहाट को तीन हेक्टेयर वन भूमि 30 साल की लीज पर। यहां से पास होकर केंद्र को जाएगा।
• आरसीएस योजना, उड़ान के तहत पिथौरागढ़ की हवाई सेवा शुरू हुई, उसी तरह उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम यूएसीएस लाई गई। किसी भी शहर या दूसरे राज्य के शहर से हवाई कनेक्टिविटी आसान होगी।
• एक समिति बनेगी, जो किराए व कनेक्टिविटी पर फैसला लेगी। पीएसयू को सीधे काम मिलेगी। इसके अलावा अन्य एजेंसी पायलट प्रोजेक्ट के तहत 12 माह के लिए मौका दे सकते हैं। कैबिनेट की सैद्धान्तिक योजना।
• आठ राजकीय आयुष चिकिसालय में 82 पदों का सृजन
पढ़िए आबकारीनीति में क्या कुछ है ख़ास 👇 aabkari niti
1. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के राजस्व लक्ष्य ₹ 4000 करोड़ के सापेक्ष 11% की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए ₹ 4440 करोड का लक्ष्य दिया गया है।
2. पर्वतीय क्षेत्र में इनोवेशन और निवेश को प्रोत्साहन के लिए माइक्रो डिस्टिलेशन ईकाई की स्थापना का प्राविधान किया गया है। जिसे सूक्ष्म उद्योगों की श्रेणी में कम से कम क्षेत्रफल में स्थापित किया जा सकेगा जो कि आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ हिमालयी क्षेत्र की पर्यावरणीय मानकों के अनुकूल होने से स्थानीय पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
3. उत्तराखंड में संचालित आसवानी में उच्च गुणवत्ता की मदिरा निर्माण होने से एक ओर राजस्व में वृद्धि होगी वही राज्य में प्रचुर मात्रा में उगने वाली वनस्पतियों, जड़ी बूटियों का उपयोग होने से स्थानीय किसानों हेतु आय के नए साधन उत्पन्न होंगे एवं राज्य में निर्मित मदिरा को विश्वस्तर पर पहचान मिलेगी। राज्य की उच्च गुणवत्तायुक्त जड़ी-बूटियों, फलों, फूलों तथा हिमालय की जलवायु, वातावरणीय शुद्धता के कारण उच्च गुणवत्ता के जल स्रोत व अन्य कारकों के कारण विश्वस्तरीय सुगंधित मदिरा के मदिरा/मॉल्ट के उत्पादन के हब के रूप में राज्य प्रतिष्ठित हो सकेगा। जिस प्रकार यूरोप में स्कॉटलैंड, इटली आदि विश्वस्तरीय मदिरा के लिए प्रतिष्ठित है उसी प्रकार हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड विश्वस्तरीय स्प्रिट/मॉल्ट के उत्पादन केंद्र के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगा।
4. विदेशी मदिरा की भराई (बॉटलिंग) के लिए आबकारी राजस्व एवं निवेश के दृष्टिगत प्रथम बार प्राविधान किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश “उपभोक्ता राज्य से उत्पादक एवं निर्यातक राज्य” के रूप में स्थापित हो सके।
5. प्रदेश में विदेशी मदिरा के थोक व्यापार को उत्तराखण्ड राज्य के मूल/स्थायी निवासियों के रोजगार के लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा (IMFL) की आपूर्ति के थोक अनुज्ञापन / व्यापार (FL-2) अनुज्ञापन को उत्तराखण्ड के अर्ह नागरिकों को दिए जाने का प्राविधान किया गया है।
6. आबकारी राजस्व अर्जन की दृष्टि से प्रथम बार ओवरसीज मदिरा की आपूर्ति के लिये थोक अनुज्ञापन FL-2(O) का प्राविधानकिया गया है जिससे कस्टम बॉण्ड से आने वाली ओवरसीज मदिरा के व्यापार को राजस्व हित में नियंत्रित किया जा सकेगा।
7. राज्य की कृषि/बागवानी से जुड़े कृषकों के हित में देशी शराब में स्थानीय फलों यथा कीनू, माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती, तिमूर, आडू आदि का समावेश किया जाना अनुमन्य किया गया है।
8. मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण, दो चरणों की लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत पर पारदर्शी एवं अधिकतम राजस्व अर्जन की दृष्टि से किया जाएगा।
9. नवीनीकरण उन्ही अनुज्ञापियों का किया जाएगा जिनकी समस्त व्यपगत देयताएं बेबाक हों और प्रतिभूतियाँ सुरक्षित हों।
10. आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो वर्ष का ITR दाखिल करना अनिवार्य होगा।
11. एक आवेदक सम्पूर्ण प्रदेश में अधिकतम तीन मदिरा दुकानें आवंटित की जा सकेंगी।
12. प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित मदिरा दुकान के सापेक्ष उप दुकान खोले जाने की अनुमति राजस्व हित दी जा सकेगी।
13. देशी मदिरा दुकानों में 36 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार शराब या 25 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार एवं सादा मदिरा एवं विशेष श्रेणी की मेट्रो मदिरा की आपूर्ति के प्राविधान किए गए है।
14. विदेशी / देशी मदिरा के कोटे का अनंतरण कोटे के अधिभार के 10% तक अनुमन्य होगा।
15. विदेशी मदिरा में न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी का निर्धारण कर मदिरा ब्राण्डों का मूल्य विगत वर्षों की भाँति निर्धारित किया गया है, जिससे आबकारी राजस्व सुरक्षित रहें और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मदिरा उपलब्ध हो सके।
16. प्रदेश में पर्यटन प्रोत्साहन एवं स्थानीय रोजगार की दृष्टि से पर्वतीय तहसील एवं जनपदों में मॉल्स / डिपार्टमेन्टल स्टोर में मदिरा बिक्री का अनुज्ञापन शुल्क ₹05 लाख (पाँच लाख) दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 400 वर्गफुट का प्रविधान किया है।
17. विगत वर्ष से भिन्न स्टार कैटेगरी के अनुसार बार अनुज्ञापन शुल्क निर्धारित किया गया है, इसी प्रकार पर्यटन की दृष्टि से सीजनल बार अनुज्ञापन शुल्क का प्रावधान किया गया है।
18. परंपरागत रूप से अवैध कच्ची शराब के उत्पादन क्षेत्रों में लगातार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही करने तथा ऐसे क्षेत्रों में वैध मदिरा के विक्रय को प्रोत्साहन करने हेतु उप दुकान का प्राविधान किया गया है।