ऋषिकेश, उत्तम सिंह ✍️NIU : केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए अधिकृत सरकारी एव निजी बीमा कंपनियां काश्तकारों के साथ किस तरह छलावा कर रही हैं ये रिपोर्ट इसकी बानगी भर है धोखबाजी का ऐसा ही एक मामला छिददरवाला से सामने आया है। जहां किसान की हजारों रुपये की बेशकीमती फसल बर्बाद हो गयी मगर बीमा कंपनी की ओर से उनको एक साल बाद सिर्फ 163 रुपये का भुगतान किया गया।छिददरवाला निवासी प्रमोद सिंह सजवाण ने बीते वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पांच बीघा की गेहूं की फसल का बीमा कराया था। जिसके लिए उन्होंने कृषि विभाग के रायवाला स्थित कार्यालय में 80 रूपये प्रति बीघा की दर से पांच बीघा फसल के लिए बीमा की किस्त के एकमुश्त 400 रुपये जमा कराए। तब उन्हें फसल का बीमा कवरेज 40 हजार रुपये का बताया गया। 17 मार्च 2023 में भारी आंधी तूफान व ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी। प्रमोद ने इसकी सूचना कृषि विभाग के माध्यम से बीमा कंपनी को दी। बीमा कंपनी की ओर से नुकसान का सर्वे किया गया। एक साल बाद प्रमोद को कंपनी की ओर से जो भुगतान किया गया वह बेहद चौंकाने वाला था। उनको कंपनी की ओर से सिर्फ 163 रुपए का चेक दिया गया। प्रमोद का कहना है कि जब पूरी फसल बर्बाद हो गई थी और बीमा का कवरेज 40 हजार रुपये का था तो फिर सिर्फ 163 रुपये देकर उनके साथ मजाक जैसी हरकत की गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री बीमा योजना को किसानो के साथ छलावा बताया है।