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देवभूमि मे अधिकारीयों की मिलीभगत से तीर्थधामों को रोमांचकारी पर्यटन स्थलों में तब्दील करने का कुकृत्य चरम पर, भैरव सेना ने पर्यटन मंत्री को सौंपा ज्ञापन l NIU

देवभूमि मे अधिकारीयों की मिलीभगत से तीर्थधामों को रोमांचकारी पर्यटन स्थलों में तब्दील करने का कुकृत्य चरम पर, भैरव सेना ने पर्यटन मंत्री को सौंपा ज्ञापन l NIU

देहरादून NIU✍️ भैरव सेना का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निवास पर पांच सूत्रीय मांगो को लेकर पहुंचा। जहां पर लम्बी चर्चा के पश्चात कैबिनेट मंत्री को भैरव सेना संगठन की ओर से ज्ञापन प्रेषित किया गया।

भैरव सेना संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड मोक्ष धामों तथा सिद्धपीठ-शक्तिपीठ के रूप में विश्वभर में विख्यात है। संपूर्ण विश्व के सनातन प्रेमी पूर्ण आस्था एवं सनातन संस्कृति एम शास्त्रों के मान बिंदुओं का अनुसरण कर बड़े ही आस्था से देवभूमि में तीर्थों की यात्रा करने का संकल्प लेकर आते हैं। परन्तु पर्यटन विभाग एवं उनके अधिकारीयों की मिलीभगत से तीर्थधामों को रोमांचकारी पर्यटन स्थलों में तब्दील करने का कुकृत्य किया जा रहा है। यह कहीं ना कहीं विभागों के अधिकारियों की हिटलरशाही को दर्शाता है। जिस तरह से एनजीटी क्षेत्र होने के बावजूद नियमों की अनदेखी कर पहले गौरीकुंड से तथा अब गुप्तकाशी से श्री केदारनाथ धाम तक हेली सेवा शुरू की गई जिसकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, के कारण उस क्षेत्र के पशु-पक्षियों के जीवन पर संकट, जोरदार आवाज से पहाड़ दरकने का डर तथा केदार घाटी क्षेत्र के तीर्थ यात्रा पर आश्रित हकूकधारियों के रोजगार का संकट गहरा गया है।

संगठन के केंद्रीय सचिव संजय पंवार ने कहा कि सीमांत गांव माणा में पौराणिक मां सरस्वती मंदिर के गर्भ गृह में मृतकों की मूर्तियां स्थापित करने का मामला हो चाहे, धारी देवी मंदिर में अमर्यादित वस्त्रों में मंदिर प्रांगण में मोटर बोटिंग का मामला हो। पर्यटन विभाग निरन्तर देवभूमि की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष करण शर्मा के कथनानुसार पर्यटन विभाग देवभूमि की पहचान तीर्थों को लगातार पर्यटन में तब्दील कर रहा है और धर्मस्व विभाग आंख बंद कर के मूक दर्शक बना हुआ है। जिसको लेकर क्षेत्रीय संगठनों तथा क्षेत्रीय निवासियों के मन में भारी आक्रोश पनप रहा है जो कि सड़कों पर कभी भी बड़े आंदोलन का रूप धारण कर सकता है।

कैबिनेट मंत्री से वार्ता के दौरान महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा काजल चौहान ने कहा कि यदि एक माह में मांगों पर उचित कार्रवाई ना हुई तो सर्वप्रथम संगठन द्वारा आमरण अनशन का रास्ता अपनाया जायेगा। कैबिनेट मंत्री से वार्ता में गये सदस्यों को उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला। ज्ञापन प्रक्रिया में उपरोक्त पदाधिकारियों सहित अन्नू राजपूत, अमन, चतुरानंद मलेथा, गणेश जोशी, प्रेमशंकर, इत्यादि उपस्थित रहे।

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