
सुकमा ✍️NIU मिशन चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न पूरे देश ने मनाया, चांद पर तिरंगा लहराए जाने की खुशी को शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता है। दुनिया ने भारत की क्षमता का लोहा माना। ये तो रही बात चंद्रयान-3 की लेकिन क्या आपको पता है कि इसी देश में एंबुलेंस तक मरीज को पहुंचाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता है। 100- 200 मीटर नहीं बल्कि 3 किलोमीटर तक, आजादी के इतने साल बाद भी देश के कुछ इलाकों की न सूरत बदली है और न ही हालात। इन हालातों का बयां करता एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मरीज को खाट पर लादकर कुछ लोग एंबुलेंस तक लाते हुए दिख रहे हैं।

यह मंजर सिस्टम के दावों को हकीकत उजागर करने के लिए काफी है, कोनडरे गांव के मुसलपारा निवासी हैं पोडयामी जोगी, जिनकी उम्र है 60 साल। बुधवार की रात उनकी तबीयत बिगड़ी, परिवार को लोगों ने सुबह का इंतजार किया। अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया गया, मुसलपारा तक पक्की सड़क ही नहीं है तो एंबुलेंस 3 किलोमीटर पहले ही खड़ी हो गई। घर के लोगों ने पोडयामी जोगी को खाट पर लादकर तीन किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक ले गए, उसके बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया जा सका।