
देहरादून NIU चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय देहरादून के वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल को विजिलेंस ने आज छह हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

शिकायतकर्ता ने विजिलेंस में शिकायत की थी कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति के भुगतान के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय देहरादून का वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल उनसे 8,500 रिश्वत मांग रहा था, जिसमें से 2500 रुपए वह दे चुका है।
आज विजिलेंस देहरादून सेक्टर की ट्रैप टीम ने वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल के 6,000 रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
इसके विपरीत विगत माह पूर्व सरकारी ड्यूटी पर चश्मे बेचकर मोटा धंधा करने वाला एक ऑप्टोमेट्रिस्ट (अनिल टम्टा) गाँधी शताब्दी हॉस्पिटल में न्यूज़ इंडिया अपडेट के स्टिंग मे कैद हुआ था, परन्तु आजतक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई, विभागीय मिलीभगत के चलते उक्त ऑप्टोमेट्रिस्ट को मात्र कुछ दिनों का अवकाश देकर चलता कर दिया गया था परन्तु कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया क्यूंकि वह ऑप्टोमेट्रिस्ट स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों रिश्तेदार है, इसलिए आज मात्र एक वरिष्ठ सहायक को विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार कर कैसे इसे भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार कहा जा सकता है ये अपने आप में बड़ा सवाल है, वहीँ आज विजिलेंस इस सहायक को मात्र 6,000 रुपए की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथप्पा रही है, सूत्रों की मानें तो इस गिरफ्तारी का एक कारण यह भी है की ये सहायक अपनी रिश्वत में से किसी को कोई हिस्सा नहीं पहुंचा पा रहा था, क्यूंकि रकम जो कम है, परन्तु इसके विपरीत ऑप्टोमेट्रिस्ट (अनिल टम्टा) एक दिन में ही चश्मे बेचकर पन्द्रह से बीस हजार प्रतिदिन का कमाता था ऐसे में आप खुद हिसाब लगा सकतें हैं की पूरी माह में वो रकम कितनी हुई और कहाँ कहाँ तक पहुँचती होगी…(अनिल टम्टा) का स्टिंग विडियो यहाँ देखें …
हम इस खबर में विजिलेंस की कार्यवाही को गलत नहीं बता रहें हैं और नाही हम इस वरिष्ठ सहायक को डिफेंड कर रहें हमारा मात्र ये सवाल है की छोटे भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्यवाही और बड़ों पर मौन आखिर क्यों और कब तक?.