रिपोर्टर- सुनील सोनकर/ मसूरी
मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने उनके पास रखी मसूरी और आसपास के क्षेत्र से जुडे इतिहास और अन्य इतिहास से जुड़ी कई ऐतिहासिक चीजों को सरकार और नगर पालिका परिषद मसूरी के द्वारा संरक्षित न किए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। गोपाल भारद्वाज द्वारा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर उनके पास रखी कई कीमती इतिहास से जुड़ी चीजों को संरक्षित किए जाने को लेकर म्यूजियम बनाए जाने की मांग की है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए गोपाल भारद्वाज ने कहा कि नगर पालिका परिषद मसूरी की उदासिंत के कारण उनके पास रखे कीमती ऐतिहासिक चीजों के संरक्षण को लेकर म्यूजियम नहीं बन पाया है, जबकि तीन बार नगर पालिका की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है परन्तु दुर्भाग्यवश म्यूजियम धरातल पर नहीं आ पाया। उन्होंने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से आग्रह किया है कि वह पर्यटन विभाग से मसूरी से जुड़ी इतिहास और अन्य ऐतिहासिक चीज़ जो उनके पास सालों से रखी है, उसको लेकर एक म्यूजियम का निर्माण कराया जाए, जिससे कि उनके पास रखा मसूरी और अन्य इतिहास से जुडा सामान म्यूजियम में संरक्षित कर सके और आने वाली पीढियों को समर्पित कर सके।
उन्होंने कहा कि 100 साल से ज्यादा उनका परिवार मसूरी में रह रहा है वहां उनके परिवार उनके पिताजी और उनके द्वारा लाखों रुपए खर्च करके मसूरी और अन्य जगहों को लेकर इतिहास से जुड़ी चीजों को एकत्रित किया गया है परन्तु सरकार द्वारा उनके पास मौजूद एतिहासिक चीजों को संरक्षित करने को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई है जबकि उनके द्वारा पिछले कई सालों से सराकर और मसूरी नगर पालिका परिषद से गुहार लगाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि उनके पास मसूरी के ऑथेंटिक इतिहास है जबकि आजकल नये इतिहासकार नयी बातें बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नगर पालिका द्वारा बिना इतिहास जाने मसूरी के 200 साल पूरे होने का जश्न मना डाला जबकि 2027 में मसूरी के 200 साल को पूरा होना है। उन्होंने कहा कि उनको नगर पालिका पर विश्वास नहीं है कि वह मसूरी में म्यूजियम स्थापित कर पाएगी ऐसे में उन्होंने पर्यटन मंत्री से मांग की है कि पर्यटन विभाग के माध्यम से मसूरी में म्यूजियम को स्थापित किया जाये।
उन्होंने कहा कि वह लगातार उनके पास मौजूद इतिहास से जुड़े सामान को संरक्षित करने को लेकर सरकार और नगर पालिका प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं परंतु कोई सुनने को तैयार नहीं है। अगर जल्द उनके पास मौजूद इतिहास से जुडे सामान को सरकार द्वारा संरक्षित करने के लिये योजना नहीं बनाई जाती तो वह उनके पास रखे सारे एतिहासिक सामान को आग के हवाले कर देंगे । उन्होंने कहा कि वह इसका प्रचार प्रसार भी करेंगे आखिर उन्होंने यह कदम क्यों उठाया और क्यों नहीं मसूरी में म्यूजियम बन पाया।