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अधिवक्ता अनिल शर्मा उर्फ़ चीनी व् जानकी शर्मा का नया कारनामा, डीएम ने मामले का लिया संज्ञान तो करवा दिया तबादला? पढ़े पूरी खबर | NIU

दीप मैठाणी NIU जमीनों की ठगी में कंठ कंठ तक डूबे अधिवक्ता दम्पत्ति अनिल शर्मा उर्फ़ “चीनी” व् जानकी शर्मा पर फिर गंभीर आरोप लगा है, न्याय के लिए पिछले बीस वर्षों से एडियाँ घिस रहीं ज्योति दुर्गा का आरोप है की अब जब बीस वर्षों बाद उनके मामले का संज्ञान जिलाधिकारी सवीन बंसल ने लिया तो ये बात अधिवक्ता दम्पत्ति अनिल शर्मा उर्फ़ “चीनी” व् जानकी शर्मा को पसंद नहीं आई और आनन् फानन में उन्होंने अपनी मिलीभगत से तुरंत अपर तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह का तबादला करवा दिया जबकि दिनांक (18-10-2024) को उनके मामले में तारीख लगी हुई थी जिसकी सुनवाई अपर तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह ने करनी थी परन्तु तबादला हो जाने के चलते अब उनके मामले में जबरन अग्रिम तारीख लग गई है, उनका सीधा आरोप है की ये सब अधिवक्ता दम्पत्ति अनिल शर्मा उर्फ़ “चीनी” व् जानकी शर्मा द्वारा ही किया गया है क्यूंकि उनके मामले का संज्ञान डीएम साहब खुद ले चुके थे जिससे इस ठग दम्पत्ति की परेशानियाँ बढ़ना तय था इस लिए जिस दिन डीएम ने मामले का संज्ञान लिया उस दिन ही अपर तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह का तबादला कर दिया गया, ये कोई महज इत्तेफाक नहीं है बल्कि सोची समझी साजिश है, डीएम द्वारा संज्ञान लिए जाने की खबर व् उसी दिन हुए तबादले के आदेश की कॉपी

ऐसे में फिर वही सवाल उठ रहा है की क्या ये अधिवक्ता दम्पत्ति कानून से बड़े हो गए है? और पूरी प्रशानिक इकाई को ठेंगा दिखा रहें है? मालूम हो की इस ठग दम्पत्ति के कारनामों के चलते दो पत्रकार सहित अन्य तीन से अधिक लोग सुद्दोवाला जेल में विगत माह से बंद हैं परन्तु किसी के भी कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है, वकालत की आड़ में काला कोट पहन कर ये दोनों मियां बीवी धड्ले से ठगी को अंजाम दे रहें हैं, यहाँ आपको यह भी बता दें की इन ठगों पर खबर चलाने के चलते NIU के संपादक दीप मैठाणी पर भी दो फर्जी मुकदमें किए गए जिसमें से एक मुकदमा यौन शोषण का था जोकि पुलिस की जाँच में भी फर्जी निकला और ख़ारिज हो गया इससे आप इन अधिवक्ता दम्पत्ति अनिल शर्मा उर्फ़ “चीनी” व् जानकी शर्मा की नीचता का अंदाजा लगा सकतें है, ये दोनों अपने ठगी के कारनामों को अंजाम देने के लिए किसी भी हद तक जा सकतें है…

यहाँ देखिए इन ठगों के कारनामे…..

बरहाल इस ठग दम्पत्ति के कारनामों के चलते दो पत्रकार सहित अन्य तीन से अधिक लोग सुद्दोवाला जेल में विगत माह से बंद हैं जिन्हें बाहर लाना बेहद जरूरी है उनका दोष सिर्फ इतना मात्र है की उन्होंने इन ठगों से जमीन खरीदी और आज उसके फलस्वरूप वे जेल में निर्दोष होने के बावजूद भी कैदियों के भांति सजा काट रहें है और ये दोनों दम्पत्ति फर्जीवाड़ा करने के बावजूद काला कोट पहन कर मौज काट रहें है….लेकिन बड़ा सवाल है की आखिर कबतक?

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