
संवाददाता- मोहन प्रसाद मीणा
वृंदावन। चिंतामणि आश्रम में श्री कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े साक्ष्यों की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें राजस्व अभिलेख, नगर निगम के दस्तावेज तथा ऐतिहासिक पुस्तकों के साक्ष्य और शाही ईदगाह की दीवार पर अंकित चिन्हों के फोटोग्राफ का संतों ने अवलोकन किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश मिलने के बाद से मथुरा की शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला एक फिर गरमा गया है।

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा नगर के चिंतामणि आश्रम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े साक्ष्यों से संबंधित एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संत गोविंदानंद तीर्थ, महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज आदि संतों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
प्रदर्शनी में लगाए गए राजस्व अभिलेख, नगर निगम के दस्तावेज, ऐतिहासिक पुस्तकों के साक्ष्य और शाही ईदगाह की दीवार पर अंकित कथित हिंदू स्थापत्य कला के फोटोग्राफ्स लगाए गए। दावा किया गया है कि प्रदर्शनी में लगाए गए राजस्व अभिलेख, फोटोग्राफ आदि शाही ईदगाह में श्री कृष्ण जन्मभूमि के गर्भ ग्रह होने और मंदिर होने का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं।