देहरादून, दीप मैठाणी ✍️NIU
हम उस देश में रहते हैं जहाँ माँ- बाप के लाडले और लाडलीयां करोड़ों की संख्या में डिप्रेशन में हैं तथा नशा, अपराध और आत्महत्या के रास्ते पर चलने को विवश हैं और इसका एकमात्र कारण है बेरोजगारी जिसके खिलाफ देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से शुरू हुई “एक वोट एक रोजगार” आंदोलन रैली, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाए जाने की मांग को लेकर एक वोट एक रोजगार आन्दोलन लम्बे समय से चल रहा है जिसका नेत्रत्व युवा आंदोलनकारी व समाजसेवी प्रवीण काशी कर रहें है,
ये रैल्ली उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली जाएगी और प्रधानमंत्री जी को अपना मांग पत्र सौपेंगी फिर वहां से मथुरा फिर अयोध्या व् अंत में बनारस पहुंचेगी जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की लोकसभा सीट भी है, इस रैली का मकसद है जन-जन को “एक वोट एक रोजगार” के प्रति जागरूक करना और रोजगार के लिए संविधान में कानून बनवाना ताकि देश के प्रत्येक नागरिक को रोजगार प्राप्त हो सके, इस रैली के माध्यम से ये बेरोजगार युवा भारत के युवाओं के लिए सरकार की गैरजिम्मेदाराना नीति और असंवेदनशील रवैये को अस्वीकार एवं निषेध कर रहें हैं। साथ ही नये “भारतीय रोजगार तंत्र” (भा. र. त.) को बनाने का आह्वान कर रहें है हैं।
ये एक ऐसा आंदोलन है जिस आंदोलन को हर युवा अपना समर्थन देने को तत्पर है, जिसके चलते प्रवीण काशी विगत दो दशकों से इस मुहीम को चलाए हुए हैं अलग अलग राज्यों में एक वोट एक रोजगार को लेकर जागरूकता शिविर लगाए जा चुके है विगत वर्ष पूर्व दिल्ली में भी इस आंदोलन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया था जहां सैकड़ो की तादाद में लोगों ने इस आंदोलन में हुंकार भरी थी,
वहीँ देवभूमि उत्तराखंड से शुरू हुई इस रैली में उत्तराखंड के सबसे बड़े युवा संगठन उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा भी पूर्ण समर्थन दिया गया है उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने फ्लैग ऑफ कर इस रैली को रवाना किया, उससे पूर्व बॉबी पवार व् प्रवीण काशी ने राजधानी देहरादून के प्रेस क्लब में साँझा प्रेस वार्ता करते हुए,इस आन्दोलन के बारे में मीडिया को जानकारी दी …..जिसमें युवा आंदोलनकारी व समाजसेवी प्रवीण काशी ने बताया की ….प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का का वायदा किया था लेकिन वास्तविकता देशभर में बंट रहा फ्री का पांच 5 किलो राशन है, अगर हर युवा के पास रोजगार होता तो उसे यूँ फ्री का सरकारी राशन नहीं खाना पड़ता ,साथ ही कहा की बेरोजगार युवा भी अपना जीवन सम्मान के साथ जीना चाहते हैं। टैक्स पेयर बनना चाहते हैं। अमीरों के टैक्स पर मुफ्त अनाज, बिजली, पानी या बेरोजगारी भत्ता नहीं चाहते हैं,साथ ही कहा की यदि रोजगार को मौलिक अधिकार नहीं बनाया गया तो वो प्रधानमंत्री मोदी जी की लोकसभा बनारस से बेरोजगारों के प्रतिनिधि के रूप में मोदी जी के खिलाफ नामांकन भर कर अपना विरोध दर्ज करेंगे..
वहीँ….. एक वोट- एक रोजगार आन्दोलन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने इसआन्दोलन के के महत्व के बारे में बताया और बताया कि कैसे आज के समय में इस आंदोलन की बेहद आवश्यकता है उन्होंने बताया कि कैसे इस आंदोलन की आज हर एक आम नागरिक को जरूरत है, कहा की जब हर व्यक्ति वोट देने का अधिकार रखता है तो उसे रोजगार देना भी सरकार की जिम्मेदारी बनती है साथ ही कहा की देश में बहुत से कानून बने हैं लेकिन सम्मान से जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी रोजगार को मौलिक अधिकार कानून नहीं बनाया गया। कानून बनाने का काम संसद का है देश के बेरोजगारों और उनके परिवारजनों की मांग है कि रोजगार मौलिक अधिकार बने। अब हम देश की संसद से रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग करते हैं आप भी सुनिए क्या कुछ कहा उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने….. देखें पूरी विडियो रिपोर्ट👇👇