
मसूरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने संत रविदास जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। सचिवालय एवं कोषागार को छोड़ राज्य सरकार के सभी कार्यालयों, संस्थानों व शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश रहा। परन्तु मसूरी के एमपीजी कॉलेज में मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नही किया गया कॉलेज प्रशासन ने इस आदेश को नजरअंदाज करते हुए, शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने के लिए कॉलेज को खोला। इस पर दलित समुदाय के लोगों ने विरोध जताया क्योंकि रविदास जयंती उनके लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर है। वहीं अवकाश के बावजूद भी मसूरी एमपीजी कॉलेज के संपूर्ण स्टाफ को कार्य के लिए बुलाया गया।
इस मौके पर कॉलेज में पहले से निर्धारित ओपन यूनिवर्सिटी के पेपर तीन पेपर को आयोजित करवाया गया वहीं हिस्ट्री विशय के वाय वाय भी कराया गया दूसरी ओर कॉलेज द्वारा अवकाश के बावजूद स्कूल में ओएनजीसी के द्वारा दिए गए 20 कंप्यूटर को कॉलेज के कंप्यूटर लैब में स्थापित कराया गया। मसूरी में रविदास जयंती के अवसर सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बावजूद कॉलेज को खोले जाने पर दलित समाज के लोगों ने कडा एतराज जताया है उन्होने कहा जहा मुख्यमंत्री दलितों को सम्मान देने का कार्य कर रहे है वही छोटी मानसिकता के कुछ लोग दलितों का अपमान कर रहे है जिनको किसी भी हाल में वक्षा नही जाना चाहिये वही उनके खिलाफ शासन के निर्देशों का ना मानने पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये। कॉलेज की शिक्षा डा प्रमोद भारती में कहा कि कॉलेज प्रशासन द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर संत रविदास जी की जयंती पर सरकार द्वारा अवकाश घोषित होने के बावजूद भी कॉलेज को खुलवाया गया है जो खुलेआम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों की अवहेलना है उन्होंने कहा कॉलेज प्रशासन दलित विरोधी नीतियों के साथ काम कर रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सरकार द्वारा घोषित अवकाश की बावजूद कॉलेज में ओपन यूनिवर्सिटी के पेपर के साथ अन्य कार्य भी किया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सिंह चौहान ने कहा कि रविदास की जयंती पर अवकाश कल घोषित हुआ है ऐसे में उससे पूर्व ओपन यूनिवर्सिटी के पेपर निर्धारित थे वही अवकाष को लेकर पेपर रीशेड्यूल नही किए जाने को लेकर कोई नोटिस नहीं मिला है जिस कारण वह परीक्षा को पोस्टपोन नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के द्वारा अवकाष से संबधित नोटिस उनको 12 फरवरी को दोपहर के 12 बजे प्राप्त हुआ जिसके बाद उनके द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के पेपर को नही कराया गया। उन्होने कहा कि ओएनजीसी से उनको 20 कम्यूटर उपलब्ध कराये गए थे जिनको उनके द्वारा कम्यूटर लैब में स्थापित किया गया।