
रिपोर्ट: अगस्टीन मांडा ✍️ देहरादून, NIU।
उत्तराखंड महिला मंच द्वारा आज उत्तरांचल प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जहां महिला तथा मानवाधिकार संगठनों की एक संयुक्त तथ्यान्वेषी टीम ने अंकिता भंडारी हत्याकांड की अपनी तथ्यान्वेषी रिपोर्ट हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी की। जिसमें कई चिंताओं और सुझावों पर प्रकाश डाला गया। यह रिपोर्ट विशेष जांच दल (एसआईटी) की अब तक की जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अभियुक्त के खिलाफ दायर चार्जशीट के सभी पहलुओं से संबंधित है।
एकत्रित तथ्यों के आधार पर टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में एसआईटी को दबाव में जानबूझकर लापरवाही करने पर सवाल उठाया और वनंतरा रिज़ॉर्ट पर बुलडोजर चलाने तथा पुलिस रिमांड नहीं मांगने पर राजस्व पुलिस और उत्तराखंड पुलिस की असंतुलित भूमिका शामिल होने का भी दावा किया। इस रिपोर्ट में कानूनी हस्तक्षेप तथा उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा इस संबंध में अपील खारिज किए जाने के बाद मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की भी बात कही गई और मामले की उच्च न्यायालय के निगरानी में जांच की मांग भी उठाई गई हैं।
इसके साथ ही इस रिपोर्ट में सभी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न पर कड़ाई से पालन करने की भी मांग रखी गई। साथ ही, 1997 में बनी विशाखा गाइडलाइन और 2006 में बने एंटी-सेक्सुअल हैरासमेंट ऐट वर्कप्लेस एक्ट उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग में अब तक लागू नहीं करने भी पर चिंता जताई।
इस पत्रकार वार्ता में आंदोलनकारी व समाजसेविका परमिला रावत, जनवादी महिला मोर्चा के उपाध्यक्ष इंदु नौटियाल तथा उत्तराखंड महीला मोर्चा के कई सदस्य उपस्थित रहे।