
मसूरी, सुनील सोनकर NIU ✍️ मसूरी माल रोड पर फिश एक्वेरियम के पास बनी तीन दुकानों पर हो रहे कब्जे को एक बार फिर एमडीडीए द्वारा भारी विरोध के बाद खाली करवा लिया गया है। अवैध तीन दुकानों की स्थान पर महिलाओं एवं विकलांग के लिये आधुनिक शौचालय के निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
आपको बता दे कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा पूर्व में मालरोड में अतिक्रमण कर तीन दुकानों का निर्माण करवाया गया था जिसका संज्ञान लेते हुए एमडीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा मालरोड का निरिक्षण करते हुए अवैध रूप से बनी तीन दुकानों को ध्वस्त करने की बजाय उसके स्थान पर महिलाओं के लिये आधुनिक शौचालय बनाये जाने के निर्देश दिये गए थे। वह उक्त प्रस्ताव को मुख्य सचिव के बैठक में रखा गया था जहां प्रस्ताव को पारित कर दिया गया था। बता दे कि पालिका प्रशासन द्वारा तीन दुकानों के स्थान पर बनने वाले शौचालय के प्रस्ताव के बारे में जानकारी होने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन द्वारा तीन में से एक दुकान की रसीद काटकर पालिका कोश में पैसा जमा कराकर एक व्यक्ति को दुकान का कब्जा भी दे दिया गया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन, एमडीडीए और मसूरी पुलिस प्रशासन द्वारा भारी विरोध के बाद तीन दुकानों पर लगे शटर को हटाकर एक दुकान में हुए कब्जे को हटाया गया। परन्तु कुछ दिनों के बाद किराये पर पालिका से दुकान लेने वाले व्यक्ति द्वारा दुकान पर समान रखकर बेचने लगा वह कुछ समय बाद दो अन्य दुकानों पर भी कब्जा कर लिया गया।
सोमवार को तीन दुकानों पर किए गए कब्जे को हटाने के लिये मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी जूनियर इंजीनियर मनवीर पवार के नेतृत्व में मसूरी माल रोड पर अनाधिकृत रूप से बनी तीन दुकानों को खाली कराए जाने को लेकर कार्रवाई शुरू की गई। जिसका स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया गया परन्तु कई घंटों के बाद एमडीडीए के कर्मचारियों केे द्वारा दुकानों को खाली कराया गया तथा शौचालय के निर्माण को शुरू किया गया। नगर पालिका द्वारा तीन दुकान में से एक दुकान का रसीद काटकर उसका कब्जा दुकानदार को दिया गया था ऐसे में दुकानदार का कहना है कि उनको नहीं मालूम कि नगरपालिका और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के बीच में क्या विवाद है परंतु उनके द्वारा पालिका में दुकान को किराये पर लेने के लिए पैसा जमा कर रसीद ली गई थी और उसके बाद एमडीडीए द्वारा उनकी दुकान को खाली कराया जा रहा है जो गलत है। उन्होंने कहा कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा बड़े लोगो के द्वारा किये गए अवैध निर्माणों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है जबकि गरीब लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
एमडीडीए के अधिकारी का कहना है कि पूर्व में मसूरी नगर पालिका द्वारा अवैध रूप से निर्मित दुकानों का प्राधिकरण द्वारा चालान किया गया था वही तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा निरीक्षण किया गया था। दुकानों को हटाकर यहां पर महिलाओं और विकलांगों के लिये आधुनिक शौचालय बनाए जाने के प्रस्ताव रखा गया जिसको मुख्य सचिव की बैठक में भी पारित किया गया परंतु इसके बाद भी नगर पालिका द्वारा इन तीन अवैध दुकानों में से एक दुकान को किराए पर दे दिया गया था जिसमें पूर्व में कार्रवाई करके खाली कराया गया था परंतु उसके बाद भी तीनों दुकानों पर कब्जा कर सामान बेचा जा रहा था जिस पर सोमवार को कार्रवाई करते हुए तीनों दुकानों को खाली करा दिया गया वहीं शौचालय का निर्माण शुरू कर दिया गया।