दीप मैठाणी (NIU) समाज के सभी वर्गों में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने में जुटी भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम और ईसाई समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा जोर-शोर से इन समुदायों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए आउटरीच अभियान चला रही है।
पूर्वोत्तर राज्यों में मिली जीत के बाद भाजपा ईसाई समुदाय के समर्थन को लेकर और भी ज्यादा उत्साहित हो गई है। पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को वोट की चिंता किए बिना मुस्लिम और ईसाई सहित सभी समुदायों से संवाद करने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हाल ही में अपने केरल दौरे के दौरान राज्य के विभिन्न चचरें के आठ शीर्ष पादरियों एवं बिशपों के साथ मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री ने वहां यह भी घोषणा कर दी कि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन आने वाले दिनों में केरल में भी सरकार बनाएगा। ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार ईस्टर के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के एक बड़े चर्च- सेक्रेड हार्ट कैथेडरल कैथोलिक चर्च जाकर ईसा मसीह के प्रति की गई प्रार्थना को शांति से सुना और पादरियों से मुलाकात की।
वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैटिकन जाकर ईसाई धर्म के सर्वोच्च धार्मिक गुरु पोप फ्रांसिस से मुलाकात कर उन्हें भारत यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया। भाजपा के अन्य नेता और केंद्र सरकार के कई मंत्री भी जोर-शोर से ईसाई आउटरीच के कार्यक्रम में लगे हुए हैं।
हालांकि भाजपा के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी पिछले कई वर्षों से ईसाई समुदाय को अपने साथ जोड़ने के मिशन में जुटा हुआ है। भाजपा ने कई वर्ष पहले अपने इसी अभियान के तहत कांग्रेस के नेता टॉम वडक्कन को पार्टी में शामिल कर राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया।
वहीं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच बनाकर मुस्लिमों को साधने की कोशिश में जुटे संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने इसी तर्ज पर भारतीय क्रिश्चियन मंच बनाकर टॉम वडक्कन को इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।
आईएएनएस ने इन्हीं टॉम वडक्कन से भाजपा के क्रिश्चियन आउटरीच अभियान के बारे में जानने का प्रयास किया कि आखिर इस अभियान का उद्देश्य क्या है और क्या इसका लाभ पार्टी को मिल रहा है।
आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता और भारतीय क्रिश्चियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष टॉम वडक्कन ने कहा कि इसे भाजपा का क्रिश्चियन आउटरीच प्रोग्राम कहना या आउटरीच शब्द इस्तेमाल करना गलत होगा क्योंकि इससे आगे बढ़कर अब केरल में ऐसे हालात हो गए हैं कि वहां पर ईसाई समुदाय ही भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं से संपर्क कर पार्टी की नीतियों और विजन के बारे में जानने का प्रयास कर रहा है। ईसाई समुदाय स्वयं आगे आ रहा है और इसमें हम (भाजपा) सहयोग कर रहे हैं कि वो यह जाने और समझे कि भाजपा चाहती क्या है, भाजपा का विकास का एजेंडा क्या है?
हालांकि इसके साथ ही वडक्कन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए यह भी जोड़ा कि इसका लक्ष्य वोट हासिल करना नहीं बल्कि वोट की चिंता किए बिना सबका साथ सबका विकास करना और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना है।
भाजपा की अल्पसंख्यक विरोधी छवि को विरोधी दलों का प्रोपेगेंडा बताते हुए टॉम वडक्कन ने कहा कि पिछले 70 सालों से कांग्रेस, लेफ्ट और अन्य दल इस तरह का प्रोपेगेंडा फैलाते रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि इन दलों ने अल्पसंख्यक समुदाय का सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया है जबकि भाजपा सबका साथ और सबका विकास के नारे के साथ सबके विकास के लिए काम कर रही है।
उन्होंने पोप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग और उन्हें भारत यात्रा के लिए निमंत्रण देने, बिशपों के साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री की मुलाकात, केरल दौरे पर पादरियों और बिशपों के साथ हुई मुलाकात और केरल में प्रधानमंत्री के रोड शो सहित अन्य कई कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए यह दावा किया कि इससे यह साबित होता है कि ईसाई समुदाय अब खुद से पहल कर भाजपा के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें दोनों ही तरफ से आगे बढ़ने का प्रयास लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि केरल का ईसाई समाज पूरी तरह से लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन से निराश हो चुका है और विकास के लिए भाजपा के साथ जुड़ना चाहता है।
भारतीय क्रिश्चियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने आगे कहा कि गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि वहां भी ईसाई समुदाय सहित समाज के सभी वर्ग विकास के एजेंडे को लेकर भाजपा के साथ हैं।
2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में ईसाई मतदाताओं के समर्थन के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वडक्कन ने कहा कि शुरूआत तो हो चुकी है।
जनता जनार्दन है और इन्हें ही तय करना है कि चुनाव में क्या करना है लेकिन जहां तक भाजपा का सवाल है, हमारी कोशिश सिर्फ इतनी ही रहती है कि जो भी समुदाय हमारे साथ आता है या जो समुदाय नहीं भी आता है, सबके विकास के लिए काम करे।