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बीआरओ ने जीता जनता का दिल, रिकॉर्ड समय में बनाया वैकल्पिक मार्ग, जनता को मिली राहत । NIU

बीआरओ ने जीता जनता का दिल, रिकॉर्ड समय में बनाया वैकल्पिक मार्ग, जनता को मिली राहत । NIU

जोशीमठ-मलारी NIU✍️

मॉनसून के चलते भारी बारिश एवं पहाड़ों से आये मलबे के कारण कल्वर्ट ब्लॉक होने से न सिर्फ उत्तरकाशी-गंगोत्री यात्रा में व्यवधान आया है बल्कि यात्रा मार्ग पर जलभराव एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित होटलों, विश्रामग्रहों में जलभराव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है इसी दौरान विगत दिनों पूर्व जोशीमठ- मलारी मार्ग पर पैदल आवाजाही हेतु बनाए गए जुम्मा पूल को भी प्रकृति के रौद्र रूप का सामना करना पड़ा मलबे के चलते पुल बह गया था, जिसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए बीआरओ की शिवालिक परियोजना ने विकल्प तैयार करते हुए ग्रामीणों की आवाजाही हेतु वैकल्पिक मार्ग तैयार कर लिया है।

इस वैकल्पिक मार्ग बनने से करीब 20 सीमावर्ती गावों में कनेक्टिविटी पुनः स्थापित हो गई है, वैकल्पिक काउजवे बनाकर अब यहां वाहनों का भी आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।आपको बता दें कि मानसून की भारी बारिश की की मार झेल रहे जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सोमवार शाम ग्लेशियर टूटने के बाद आये जुम्मा नाला में उफान एवं चट्टानी स्खलन के कारण पुल को क्षति पहुंची थी, जिसके बाद से क्षेत्र के नीती, मलारी, जेलम, बाम्मा सहित सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ चीन सीमा पर तैनात सेना की इकाइयों की आवाजाही ठप हो गई थी।

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बीआरओ ने मंगलवार को ही यहां रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया था, जिसका परिणाम यह रहा कि अब बैकल्पिक अस्थायी रास्ता तैयार कर लिया गया है जिससे स्थानीय लोगों के साथ सेना के जवानों ने भी पैदल आवागमन शुरू कर दिया है।बीआरओ के शिवालिक परियोजना के कर्मचारियों ने रात में ही युद्धस्तर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डोजर एवं मानवीय शक्ति के प्रयोग से ना सिर्फ कल्वर्ट पर आए मलवे को साफ कर जानमाल के नुकसान के भय को दूर कर दिया बल्कि चारधाम यात्रा को भी सुचारु रूप से दुबारा बहाल किया, जिसके लिए समस्त ग्रामीणों ने बीआरओ शिवालिक परियोजना का तहे दिल से आभार जताया है।

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