रिपोर्ट: मोहन प्रसाद मीणा ✍️मथुरा, NIU।
पूरे विश्व में मशहूर बरसाने की होली की आजकल मथुरा में धूम देखी जा रही है, फूलों की होली, लड्डू मार होली के बाद अब मथुरा में खेली गई लठ मार होली, ब्रज मैं चल रहे होली महोत्सव में खेली गयी बरसाने कि विश्व प्रशिद्ध लट्ठा मार होली बरसाने से राधा रानी मंदिर के बुलाबे प़र आते है नन्द गाँव के ग्वाले और फिर बरसाने कि पिली पोखर में आकर खेलते है बरसाने कि हुरियारिनों से लट्ठा मार होली बरसाना हर तरफ रंग और गुलाल से सराबोर दिखाई देता है और देश विदेश से लाखों भक्त इस होली में जमकर नाचते गाते है और खूब होली का आननद लेते है वहीं सभी के मन में इस अलोकिक होली का एक अलग ही नजारा बन जाता है।
इसकी खास बात ये है की यहाँ प़र जो महिलाएं होती है वे राधा रानी कि सखी मानी जाती है और जो पुरुष होते है वे आज के दिन कृष्ण के सखा बनकर रहते है और कृष्ण के सखा यहाँ कि महिलओं से पहले हंसी मजाक करते है जिसके बाद वे उनपर लाठियों कि बरसात करते हैं, हैरुई कहती है कि तुम वर्ष भर में ही क्यूँ आये हो बरसाने में? बल्कि यहीं ही क्यूँ नहीं रहते? लेकिन हुरियारों प़र पड़ने वाली लट्ठों कि चोट बड़े ही प्रेम कि चोट होती है, क्योंकि यहाँ तो होली का मतलब ही प्रेम होता है, चोटों को झेलकर भी वे यही कहते है कि भाबी जरा जोर से मारो, और फिर उसके बाद आठ से दस महिला एक एक को पकड़ कर लाठियां मारती है और सभी हुरियारे और हुरियारिन इस होली को नाच गाकर बड़े ही हर्ष उल्लाश से मनाते है।