
दीप मैठाणी,✍️ NIU देहरादून
विगत दिनों मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के चलते आक्रोशित होकर एमडीडीए कार्यालय का UKD ने घेराव किया गया था, और एमडीडीए उपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा था और उम्मीद जताई थी कि अब भ्रष्टाचार पर कुछ अंकुश लग सकेगा… परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि अगर एमडीडीए भ्रष्टाचार खत्म करना चाहे भी तो पूर्व में किए गए भ्रष्टाचार के खुलासे खत्म होते होते ही कई वर्ष बीत जाएंगे।
ऐसा ही एक बड़े भ्रष्टाचार से जुड़ा MDDA का ताजा मामला सामने आया हैं जिसमें राजनीतिक सांठगांठ के चलते एमडीडीए के कर्मचारियों के संग भ्रष्टाचार को अंजाम देकर सेना से रिटायर्ड एक अधिकारी ने भ्रष्टाचार की नई इबारत लिख डाली है।

तस्वीर में निर्मित हो रही ये बिल्डिंग का ढांचा है, विकास नगर स्थित पहाड़ी गली का जहां सेना से रिटायर्ड कर्नल संजय भारद्वाज द्वारा इस बहुमंजिला का निर्माण करवाया जा रहा था, और यह निर्माण कार्य शत-प्रतिशत तौर पर बिना कोई नक्शा पास करवाए किया जा रहा था। जब इसकी सूचना न्यूज़ इंडिया अपडेट को मिली तो न्यूज़ इंडिया अपडेट ने स्थानीय स्तर पर इसकी जानकारी जुटाई जिसमें हमने पाया था की बिना नक्शे के ही निर्माण कार्य चल रहा है, तब निर्माणकर्ताओं द्वारा सफाई दी गई कि फाइल विभाग में लगाई गई है और नक्शा कुछ दिनों में पास होकर आ जाएगा। इसलिए हमारी टीम ने इंतजार करना बेहतर समझा और खबर नहीं लिखी।

परंतु अब लंबा समय बीत जाने के बाद भी नक्शा पास होकर नहीं आया है, यहां तक की नक्शा पास कराने हेतु फाइल भी एमडीडीए में नहीं लगाई गई है, और डायरेक्ट कर्मचारियों से सांठगांठ कर इस भवन निर्माण को अंजाम दे दिया गया है जिसका कि अब लगभग समस्त निर्माण कार्य भी पूर्णतय पूरा हो चुका है,

बड़ा सवाल है की आम आदमी एमडीडीए के चक्कर लगा लगा कर थक जाता है वहीं आला अधिकारियों के हाथ पांव जोड़ता रह जाता है परंतु बावजूद इसके उसे 2 कमरों के मकान के लिए अनुमति नहीं दी जाती है और दूसरी तरफ नियमों को ताक पर रखकर ऐसे धन्ना सेठ को पूरी की पूरी बहुमंजिला इमारत बिना नक्शा पास किए ही बनाने की परमिशन मिल जा रही है, आखिर यह सब किसकी शय में हो रहा है? कौन है वह जो विवाह को राजस्व का नुकसान पहुंचा कर खुद मोटी मलाई काट रहे हैं?
आखिर कब देवभूमि ऐसे भ्रष्टाचार से मुक्त हो पाएगी और कब एक आम मानस को बिना अधिकारीयों के चक्कर लगाए इस तरह की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी?