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ट्रांसफर एक्ट 2017 के तहत बिना सोचे समझे स्वास्थ्य विभाग ने कर दिया वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ का ट्रांसफर, अब प्रत्यावेदन पर नही हो रही सुनवाई । NIU

ट्रांसफर एक्ट 2017 के तहत बिना सोचे समझे स्वास्थ्य विभाग ने कर दिया वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ का ट्रांसफर, अब प्रत्यावेदन पर नही हो रही सुनवाई । NIU

दीप मैठाणी ✍️ NIU देहरादून क्या स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में ट्रांसफर के नाम पर चल रहा है खेल?

क्या धनबल के प्रभाव से किए जा रहे हैं ट्रांसफर?

क्या दुर्गम इलाकों से सुगम इलाकों में पोस्टिंग पाने के लिए खेला जा रहा है खेल?

हमारे इन सवालों से जुड़ा एक अजब मामला सामने आया है जिसमें एक वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ “आंखों के डॉक्टर” साशन से न्याय की गुहार लगा रहें हैं, मालूम हो की अजयप्रताप सिंह वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ के पद पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोईवाला में कार्यरत थे तथा इनका स्थानान्तरण पत्रांक संख्या महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड देहरादून के पत्र संख्या 3प/पैरा/मेकिल/10/ 2022 / 16846 दिनांक 08.07.2022 द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोईवाला से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जखोली जिला रूद्रप्रयाग किया गया है, इस ट्रांसफर के विरोध में अजयप्रताप सिंह द्वारा अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में स्वयं का स्थानान्तरण रूकवाने हेतु प्रत्यावेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि वह दिनांक 30.11.1999 से दिनांक 23.09.2009 (लगभग 10- वर्ष) तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखटिया, जिला अल्मोडा में कार्यरत रहें है जो कि दुर्गम क्षेत्र में आता है, परंतु बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने उक्त वरिष्ठ डॉक्टर का ट्रांसफर दुर्गम क्षेत्र में पुनः कर दिया,

ट्रांसफर आदेश अजय प्रताप सिंह

अब इनकी जगह इस पद पर जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तैनात दृष्टिमितिज्ञ नीलम पयाल का ट्रांसफर कर दिया गया है, वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ अजय प्रताप सिंह की दस साल की सेवाओं को दुर्गम की जगह सुगम में दिखाकर ये तैनाती दी गई है, ऐसे में अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि यह सब स्वास्थ्य विभाग की चूक से हुआ है? या फिर किसी साजिश के तहत जानबूझकर ऐसा किया गया है, या इसमें धनबल का प्रयोग किया गया है।

ट्रांसफर आदेश नीलम पयाल ….

वहीं वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ अजय प्रताप सिंह इस मामले में शासन के ट्रांसफर आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के सेक्रेटरी से लेकर डीजी हैल्थ तक को जवाब तलब किया गया है, अगामी 6 जनवरी को इसकी सुनवाई होनी है,

Court Latter…..

स्वास्थ्य विभाग की इस गलती के चलते वरिष्ठ दृष्टिमितिज्ञ परेशानियों से जूझ रहें हैं, अपनी पारिवारिक परिस्थितियों व् उनके पुत्र का इस वर्ष 12th बोर्ड का पेपर होने के चलते ऐसी स्थिति में वे दुर्गम इलाके में ज्वाइन नहीं कर पा रहें है, साथ ही ट्रांसफर आदेशों का अनुपालन होने के चलते इनकी जगह पर नीलम पयाल तैनात हों चुकीं है, जिस कारण वे अपनी ड्यूटी भी नहीं कर पा रहें हैं, और छुट्टी लेकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहें हैं।

DG Office file photo…

स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी चूक के चलते एक वरिष्ठ डॉक्टर को परेशान होने पर मजबूर होना पड़ रहा है या यूं कहे कि उनका अपना ही विभाग उनकी परेशानियों को बढ़ा रहा है, वहीं पीड़ित डॉक्टर ने NIU से वार्ता करते हुए बताया की नववर्ष के दिन प्रदेश में नई डीजी हेल्थ विनीता शाह नियुक्त हुईं हैं उनसे मिलकर वह अपनी समस्या से अवगत उन्हें करवाएंगे और उन्होंने उम्मीद जताई है कि नई डीजी हेल्थ उनकी समस्या का समाधान जरूर करेंगी क्योंकि यह ट्रांसफर नियम विरुद्ध किया गया है जोकि न्यायसंगत नहीं है, साथ ही डॉक्टर अजय प्रताप सिंह ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार से भी मामले का संज्ञान लेने हेतु अपील की है।

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