
पर्यावरण सुधार संबंधी गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून। उत्तराखंड के नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है, यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, लेकिन पर्यटन सीजन में यहां ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन जाती है, ऐसे में अगर आप भी नैनीताल में गर्मियों की छुट्टियों में जाने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण पर नियंत्रण पर रोक लगाने के लिए मसूरी की तर्ज पर नैनीताल नगर पालिका ने टैक्स को लगाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है, ऐसे में जल्द ही नैनीताल में एंट्री करने वाले निजी वाहनों को इको टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
नैनीताल में प्रवेश करने वाले वाहनों से अभी तक तल्लीताल क्षेत्र से टोल टैक्स वसूला जाता था, अब नए प्रस्ताव के तहत भवाली और कालाढूंगी से आने वाली गाड़ियों पर भी टैक्स लागू होगा। नगर पालिका की पहली बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है और इसे लागू करने से पहले कानूनी राय लेने का निर्णय लिया गया है।
निजी वाहनों की संख्या अधिक होने से नैनीताल में पार्किंग और प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में स्थानीय प्रशासन को इस भीड़ को नियंत्रित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया है। नैनीताल नगर पालिका के ईओ दीपक गोस्वामी ने कहा कि इस इको टैक्स से पर्यावरण सुधार संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और नगर पालिका की आय भी बढ़ेगी।
नगर पालिका ने कानूनी राय लेने के बाद टैक्स लागू करने का निर्णय लिया है, अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो आने वाले दिनों में नैनीताल जाने वाले पर्यटकों को इको टैक्स देना पड़ेगा। पालिका द्वारा इको टैक्स लगाने के फैसले को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि नैनीताल में ट्रैफिक और पर्यावरण की स्थिति में सुधार आएगा।