रिपोर्टर- सुनील सोनकर
उत्तराखंड के राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह अपने निजी दौरे पर अपने परिवार के साथ मसूरी पहुंचे। राज्यपाल के मसूरी दौरे को लेकर पुलिस और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। राज्यपाल अपने परिवार के साथ मसूरी के ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट पहुंचे जहां पर उन्होंने कार्टाेग्राफी म्यूजियम को देखा वहीं जॉर्ज एवरेस्ट और आसपास के पहाड़ों की सुंदरता देखकर वह अभिभूत हो गए।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट का पुनर्निर्माण किया गया है जो काफी खूबसूरत है और वह जॉर्ज एवरेस्ट को देखकर काफी खुश है। उन्होंने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट के ऐतिहासिक महत्व है जहां पर 1832 में जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में रहकर एवरेस्ट की ऊंचाई को मापा था। उन्होंने बताया कि जिस सोच के साथ कार्टोग्राफी म्यूजियम को बनाया गया है वह काफी सराहनीय है उन्होंने कहा कि कार्टोग्राफी म्यूजियम में को बनाए जाने को लेकर काफी रिसर्च किया गया है वही तिब्बत और एवरेज की ऊंचाई को मापने के लिए उपयोग किए गए यंत्रों को भी प्रदर्शित किया गया है ।
म्यूजियम बनाने को लेकर जो आज क्राफ्ट और साइंस का इस्तेमाल किया गया है उसको उन्होंने बहुत नजदीक से देखा है जितने पुतले बनाए गए हैं वह अद्भुत है म्यूजिक आर्ट के माध्यम से क्यूआर कोडिंग को मिलाया गया है जो अपने आप में अनोखा है उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में मसूरी का जॉर्ज एवरेस्ट काफी सुंदर है और सभी लोगों को इसे देखने के लिए आना चाहिए ।
बता दें कि देश का पहला मानचित्रकला म्यूजियम यहां पर घूमने आने वाले लोगों को कई तरह की तथ्यपरक जानकारी भी मिल रही है, जिसको वो जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कार्टोग्राफिक (मानचित्रकला) म्यूजियम में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने वाले सर जॉर्ज एवरेस्ट के संग्रह पत्रों और अभिलेखों का दीदार पर्यटक कर रहे है इस म्यूजियम में सर जॉर्ज एवरेस्ट के साथ ही सर्वेयर नैन सिंह रावत के पत्रों को भी रखा गया है साथ ही सर्वेयर किशन सिंह नेगी, गणितज्ञ राधानाथ सिकंदर की ऑब्जर्वेटरी से भी यहां आने वाले लोग रूबरू हो रहे है ।
मसूरी में बने कार्टोग्राफिक म्यूजियम वर्ल्ड क्लास लेवल कहा है कार्टोग्राफिक म्यूजियम में पर्यटक जीपीएस की कार्यप्रणाली भी जान रहे है इसके लिए यहां ग्लोब तैयार किया गया है। स्क्रीन पर स्थान खोजते ही ग्लोब पर जगह दिख जाएगी। सैटेलाइट कैसे काम करते हैं, उनमें जीपीएस और संचार प्रणाली कैसे ऑपरेट की जाती है, इसकी जानकारी भी मिल जाएगी। इस म्यूजिक को आधुनिक तकनीक से बनाया गया है। पर्यटक जिस उपकरण के सामने खड़े होंगे, उसकी पूरी जानकारी डिस्प्ले हो जाएगी, जिसे विशेष साफ्टवेयर के जरिए चलाया जाएगा। क्यूआर कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर जानकारी मिलेगी।