दीप मैठाणी, देहरादून NIU✍️ मूल निवास और भू कानून की मांग को लेकर आज राजधानी देहरादून में हजारों लोग परेड ग्राउंड में एकत्र हुए और उसके बाद शहीद स्मारक तक रैली निकाली गई इस रैली में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए हालांकि राजनीतिक गिद्धों ने इस स्वाभिमान बचाओ रैली को भी नहीं छोड़ा और यहां भी अपनी राजनीतिक पार्टी के झंडों के साथ शिरकत की उत्तराखंड क्रांति दल हो या आम आदमी पार्टी या फिर कांग्रेस या फिर कोई अन्य दल सभी अपने अपने झंडों के साथ इस रैली में शामिल हुए कई सामाजिक संगठन भी इस रैली में अपने बैनर के साथ पहुंचे।
हालांकि रैली से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि इस उत्तराखंड स्वाभिमान रैली में प्रत्येक नागरिक सिर्फ उत्तराखंडी बनकर ही पहुंचेगा परंतु राजनीतिक गिद्धों ने इसे भी राजनीतिक मंच बनाने और इसे भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी,
इसके विपरीत लोक कलाकारों ने आज उत्तराखंडी आम जनमानस का दिल जीता गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी हो या फिर उप्रेती बहनें या कोई अन्य कलाकार कुछ ऐक को छोड़कर सभी लोग इस उत्तराखंड स्वाभिमान रैली में अपनी अपनी तरह व् जगह से शामिल हुए और बाकायदा सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अपना समर्थन इस स्वाभिमान रैली को दिया।
साथ ही आज पूरे प्रदेश भर में विभिन्न जगहों पर उत्तराखंड स्वाभिमान रैली के समर्थन में लोगों ने रैलीयां निकाली गढ़वाल मंडल हो या कुमाऊँ मंडल दोनों ही जगह इस स्वाभिमान रैली के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर देहरादून में आज उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया था। महारैली में बड़ी संख्या में युवा और तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन शामिल होने के लिए प्रदेश भर से पहुंचे। हजारों की भीड़ परेड मैदान में एकत्रित हुई और यहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। परेड ग्राउंड में एकत्र होकर लोग रैली की शक्ल में काॅन्वेंट स्कूल से होते हुए एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल, तहसील चौक होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे इसके बाद यहां सभा का आयोजन किया गया।
जिसमें समस्त वक्ताओं व् आंदोलनकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा की यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था पर ऐसा हुआ नहीं और उत्तराखंड के मूलनिवासियों ने अपनी एकता का परिचय सरकार को दिया है।
वही एक तरफ स्वाभिमान रैली चल रही थी तो दूसरी तरफ पवेलियन ग्राउंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी “मोदी है ना” कार्यक्रम कर रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि राज्य में चाहे मूल निवास का मुद्दा हो, भू-कानून का मुद्दा हो या अन्य कोई भी जनहित से जुड़े मुद्दे हों राज्य के हित में जहां पर भी जो भी जरूरत पड़ेगी, हम उसमें एक प्रसेंट भी पीछे रहने वाले नहीं हैं।