मयंक मिश्रा ✍️NIU शाहजहांपुर के आर पेपर मिल शाहजहांपुर अपने हादसे के लिए कुख्यात है। हर साल कोई न कोई हादसा हो ही जाता है। रोटी कमाने आए नौजवान दुनिया से ही चले जाते हैं। पीछे रह जाती हैं उनकी यादें।और जीवन भर का दर्द। आज एक बार फिर बही हुआ जो नही होना चाहिए था। सालिगराम वर्मा का 18 वर्षीय बेटा उर्वेश वर्मा के आर पेपर मिल में चिपर पर लकड़ी डालने का काम करता था।शाम को अपने घर पहुंच जाता था। लेकिन बुधवार की शाम जब उर्वेश घर नही पहुंचा तो घर वाले चिंतित हो उठे। रात भर उसका बहनोई उर्वेश को ढूंढता रहा।लेकिन सुबह उर्वेश के भाई ने पेपर मिल से एक एंबुलेंस जाते हुए देखी। जब उसे रुकवा के देखा तो उसमे उर्वेश की क्षत विक्षत लाश पड़ी थी जिसमे लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े फंसे थे।
इससे लगता है कि रात भर उर्वेश को लकड़ी के ढेर में छुपाए रखा। सुबह को निकाला।यह सब किसने और क्यों किया। पुलिस की जांच में पता चलेगा। उर्वेश की असमय मौत की गुत्थी पुलिस जांच से ही सुलझेगी। फिलहाल परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।मृतका 6 बहन भाईयो में पांचवें नंबर का था । और अभी अविवाहित था।