मोहन प्रसाद मीणा NIU मथुरा ✍️ शाही ईदगाह की सर्वे होने से पहले ही पुरातत्व विभाग ने किया स्पष्ट, औरंगजेब के आदेश पर तोड़ा गया था कृष्ण मंदिर ,बनाई गई थी शाही ईदगाह,श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन का आदेश किया गया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल आपत्ति दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन पर अंतरिम रोक लगाई हुई है ,और इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस विवाद पर 22 फरबरी को सुनवाई होगी,आपको बता दे श्री कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े तमाम ऐतिहासिक साक्ष्य हिंदू पक्ष द्वारा कोर्ट में पेश किए गए हैं ,
अब हिंदू पक्षकार द्वारा पुरातत्व विभाग से मांगी गई सूचना का एक पत्र जो केस में अपनी एक अहम भूमिका निभायेगा, उस पुरातत्व विभाग के लेटर को अब कोर्ट में भी पेश किया जाएगा ,श्री कृष्ण जन्मभूमि के एक पक्षकार अजय प्रताप द्वारा यह सूचना मांगी गई थी, और उस सूचना में पुरातत्व विभाग आगरा द्वारा लेटर के जरिए पूरा उल्लेख किया गया है और अंग्रेजों के शासन के दौरान 1920 में इलाहाबाद से प्रकाशित गजट का हवाला दिया है ,यूपी के 39 स्मारकों की सूची में 37वे नंबर पर कटरा केशव देव भूमि का उल्लेख किया है ,और उसमें लिखा है कि औरंगजेब द्वारा भगवान श्री कृष्ण के केशव देव मंदिर को तोड़कर ईदगाह का निर्माण कराया था।
अब एएसआई के इस जवाब को हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा ,उनका कहना है कि पुरातत्व विभाग का यह लेटर अब केस में अपनी अलग ही भूमिका निभाएगा ,विवादित स्थल की सर्वे से पहले ही अब स्पष्ट हो गया है ,कि औरंगजेब ने किस तरह भगवान कृष्ण के भव्य मंदिर को तोड़ा और वहां पर ईदगाह का निर्माण कराया,