दीप मैठाणी, देहरादून ✍️NIU उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं की आवाज बनकर उभरे बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने टिहरी लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा कर रख दीं हैं।
बताया यह जा रहा है कि बॉबी पंवार के चुनाव में उतरते ही कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुंनसोला की चिंताएं बढ़ गईं हैं और टिहरी लोकसभा क्षेत्र में सीधे टक्कर बॉबी पंवार व निवर्तमान सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के बीच बन गई है।
वहीं भाजपा के लिए लगातार चिंताएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि भाजपा से लगातार लोग इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार को समर्थन दे रहे हैं। जिससे न सिर्फ संगठन बल्कि बूथ स्तर तक की इकाइयां हिल चुकी हैं तो वही बॉबी पंवार लगातार बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को जोड़ते जा रहे हैं। बॉबी विरोधियों की चिंता का सबसे बड़ा व मुख्य कारण है गांव के गांव का सामुहिक रूप से समर्थन करना कई खतों व ग्राम सभाओं ने बॉबी को सार्वजनिक समर्थन करते हुए समर्थन पत्र तक जारी किए है यहां तक की बॉबी को ग्राम सभाओं ने सामूहिक चंदा तक दिया है👇👇👇👇।।
वहीं कुछ दिन पूर्व ही यमुनोत्री के पूर्व विधायक प्रत्याशी व मंडल महामंत्री मनोज कोहली श्याम ने इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार के समर्थन का ऐलान किया। नौगांव के मंडल महामंत्री कुलदीप चौहान ने भी इस्तीफा देकर भाजपा छोड़ निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार के समर्थन का ऐलान किया।
वही सूत्रों ने बताया की कई भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार बॉबी पंवार के संपर्क में है वह पद में रहते हुए भी आंतरिक रूप में बॉबी पंवार का प्रचार कर रहे हैं।
बॉबी ने आह्वान किया है कि जो भी प्रदेश का हित चाहतें हैं वह सभी संगठन व राजनीतिक दल इस बार उत्तराखंड की आवाज को संसद तक पहुंचाने के लिए पूरा जोर लगाए, बॉबी पंवार की नामांकन रैली में उमड़ी भीड़ की चर्चाएं भी थम नही रही।
बॉबी के आह्वान को देखते हुए उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन उत्तराखंड रीजनल पार्टी एलाइंस जिसमें उत्तराखंड के 6 क्षेत्रीय दल शामिल हैं उन्होंने व उत्तराखंड क्रांति दल सहित तमाम सामाजिक राजनीतिक संगठनों ने खुलकर बॉबी पंवार को समर्थन दिया हुआ है।
वहीं पूर्व सैनिक संगठन ने तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की रैली के दौरान भी बॉबी पंवार जिंदाबाद के नारे लगाए, यहां तक की हाल ही में एक चुनावी जनसभा के दौरान मंत्री गणेश जोशी व सांसद माला राजलक्ष्मी शाह को पूर्व सैनिकों ने चारों ओर से घेर लिया उसके बाद बॉबी पंवार जिंदाबाद के नारे लगने लगे।
मंत्री गणेश जोशी की अपनी लोकप्रियता के बीच उनकी विधानसभा में लोगों का स्पष्ट कहना था कि वह गणेश जोशी को तो वोट दे सकते हैं पर माला राजलक्ष्मी शाह को नहीं ।
ऐसे में लगातार बॉबी पंवार के समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है । तो वहीं राजनीतिक दृष्टि से भाजपा व कांग्रेस पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए चुनाव चिन्ह में बॉबी पंवार को चुनाव चिन्ह हीरा दिया है । जिसका प्रचार प्रसार सोशल मीडिया सहित जमीनी स्तर पर व्यापक तौर पर हो रहा है ।
बॉबी पंवार के समर्थको ने आग्रह किया है कि प्रदेश भर से जिस भी लोकसभा में योग्य प्रत्याशी नहीं है वहां के लोग टिहरी आकर बॉबी पवार के समर्थन में घर-घर जाकर वोट व सपोर्ट की अपील करें।
इधर कुमाऊं से भी युवाओं ने टिहरी कुच करना शुरू कर दिया है तो वहीं विभिन्न लोकसभा क्षेत्र से बढ़कर चढ़कर युवा बॉबी पंवार के प्रचार प्रसार हेतु स्वयं के खर्चे से पहुंच रहे हैं ।
परिणाम इस सीट पर जो भी हों परंतु पहली बार राजशाही को कड़ी चुनौती वो भी जमीनी मुद्दों पर देने का काम अगर किसी ने किया है तो वो है निर्दलीय उम्मीदवार बॉबी पंवार हालांकि भाजपा एक धनाढ्य संगठन है हर घर में भाजपा का एक कार्यकर्ता जरूर होता है, ऐसे में राजशाही के तिलस्म को तोड़ना इतना आसान भी नहीं है और भीड़ जुटाने और भीड़ को वोट में तब्दील करने में जमीन आसमान का अंतर भी है, अब देखना दिलचस्प होगा कि ये चुनावी ऊँठ किस और करवट लेता है।।