रिपोर्ट सुनील सोनकर
देश के विभिन्न राज्यों में हुए रोपवे में हादसे को देखते हुए देश में संचालित सभी रोपवे परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अर्धवार्षिक संयुक्त अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। जिसको लेकर बुधवार मसूरी के गनहिल के बीच पहाड़ी पर रोपवे में कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना प्रसारित की गई। इस पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, फायर सर्विस और मसूरी पुलिस के साथ उप जिला अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। मालरोड स्थित रोपवे में सुबह 10बजे पांच लोग फंस गए। इनमें से एक बेहोश हो गया। इसकी सूचना से गनहिल में अफरा तफरी मच गई। टीमों ने रोपवे के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया। वहीं, बेहोश व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस के माध्यम से उप जिला अस्पताल भेजा गया।
बुधवार की सुबह गनहिल के बीच पहाड़ी पर रोपवे में कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना प्रसारित की गई। टीम रेस्क्यू उपकरणों की मदद से रोपवे तक पहुंची और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया। रोपवे के अंदर बेहोश व्यक्ति को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर सर्विस के जवानों द्वारा रोपवे के तार के सहारे पहाडी के बीचों बीच फंसी रोपवे के डिब्बे तक पहुच और रस्सीयों के सहारे और ट्रैनी के दौरान सिखाये गए तकनीकों को अपनाते हुये रोवपे में फंसे पांच लोगो को सुरक्षित तरीके से उतारा गया वही एक व्यक्ति की गंभीर हालत को देखते हुए उसे स्ट्रैचर के माध्यम से मुख्य संडक तक लाया गया व एम्बुलेंस की मदद से डाक्टरों की देखरेख में उप जिला चिकित्यालय भेजा गया।
15वीं एनडीआरएफ के डिप्टी कमाडेंट अजय पंत ने बताया कि पूर्व में छत्तीसगढ़, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में रोपवे में हादसे हो चुके हैं। इसी को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर मॉक ड्रिल किया गया। उन्होने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य जनता के बीच यह संदेश देना है कि किसी भी स्थिति में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हम सदैव उनके साथ हैं। उन्होने बताया कि एनडीआरएफ के महानिदेशक ने एनडीआरएफ की सभी बटालियनों को देशभर में कार केबल रोपवे का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि देवघर, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में तीन केबल कार दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। इसके जरिए सभी विभागों को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा रहा है। ताकि रोपवे में सुरक्षा व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जा सके।