मसूरी, सुनिल सोनकर ✍️ मसूरी नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर की गई शिकायत की जांच शहरी विकास विभाग ने शुरू कर दी है। जिसको लेकर आज अपर निदेशक शहरी विकास अशोक पांडे पांच सदस्य टीम के साथ मसूरी नगर पालिका परिषद पहुंचे और शासन स्तर पर नगर पालिका प्रशासन और पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता के द्वारा किये गए भ्रश्टाचार और अनिमित्तायें को लेकर की गई शिकायतों की जांच शुरू कर दी जिससे नगर पालिका में हड़कंप मच गया।
बता दे कि शिकायतकर्ता शेखर पांडे द्वारा मसूरी नगर पालिका ई टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया गया है वही रेंजर झूले की स्थापना एवं संचालन, लाइब्रेरी कार पार्किंग ,कंपनी गार्डन ,कैफिटेरिया एवं म्यूजियम के साथ दर्जनभर अन्य निर्माण कार्यों में निविदाओं को लेकर घोटाले का आरोप लगाया गया है। वही कंप्यूटर कारटेज खरीद में हुए घोटाले का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा ₹600 से ₹1200 तक मिलने वाली कंप्यूटर कारटेज को पालिका द्वारा ₹4800 से लेकर ₹9000 तक की खरीद की जा रही है। उन्होने कहा कि नगर पालिका मसूरी द्वारा मनमाने तरीके से निविदाओं की शर्त तय करना केवल शासन के स्वीकृत प्रस्ताव के विपरीत कार्य किया जा रहा है बल्कि नगर पालिका को करोड़ों का राजस्व नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कई समान की खरीद में भी कमीशन खोरी के लिए पालिका को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है इसकी जांच की मांग की गई है। वहीं नगरपालिका के खिलाफ शिकायत करने वाले अन्य शिकायतकर्ता ने भी कहा है कि मसूरी नगर पालिका द्वारा अनेकों भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है जिसकी वह लगातार जांच की मांग कर कार्रवाई की मांग कर रहे है परन्तु जांच के बाद दोषियों को सजा ना मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कई मामलों में पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका प्रशासन में बैठे अधिकारियों के खिलाफ जांच में स्पष्ट है कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है परंतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही ना होने पर उनके हौसले बुलंद है।
शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक पांडे ने बताया कि नगर पालिका मसूरी में अनियमितताओं की अनेक शिकायतें शहरी विकास विभाग तक पहुंची हैं । जिस पर उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। इसी के संबंध में नगर पालिका में दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से ईको बैरियर, रोपवे, मसूरी झील, पार्किंग तथा कम्पनी बाग टेण्डर में अनियमितताओं की जांच शामिल हैं । उन्होने बताया कि पत्रावलियों की विस्तृत जांच करने बाद स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट शहरी विकास निदेशक को सौंपी जायेगी जिसके बाद भ्रष्टाचार और अनियमितता मिलने पर कार्यवाही शासन स्तर पर की जाएगी।