![कलाकार शुभदर्शनी सिंह की भूली बिसरी यादों पर आधारित अद्भुत सोलो प्रदर्शनी ने दर ने दर्शकों के मन को मोहा। NIU कलाकार शुभदर्शनी सिंह की भूली बिसरी यादों पर आधारित अद्भुत सोलो प्रदर्शनी ने दर ने दर्शकों के मन को मोहा। NIU](https://www.newsindiaupdate.com/wp-content/uploads/2023/08/IMG_20230812_191419-1024x558.jpg)
रिपोर्टर- सुनील सोनकर
मसूरी के आर्ट स्पेस के द्वारा शुभदर्शनी सिंह की सोलो प्रदर्शनी को मसूरी के लंढौर क्षेत्र के परेड प्वाइंट कॉटेज में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन मशहूर लेखक गणेश शैली ने किया। एक तरफ जीवन के खूबसूरत रंगों को बयां करती प्राकृतिक नजारों को दर्शाती, ख्वाहिशों की उड़ान भरती, भूली बिसरी यादें पेंटिंग ने लोगों का मन मोह लिया। शुभदर्शनी सिंह द्वारा नारी सहनशीलता पर आधारित पेंटिंग सामाजिक बदलाव की खूबियां पेश करने के साथ ही इनमें परंपराओं को सहेजने की चिंता भी झलक दिखी। कलाकार के सपनों, आशाओं, दृष्टिकोणों, अहसासों, असफलताओं और विजयों को खून-पसीने और आंसुओं से भरी कला में अनुवादित किया गया है जो अपने आप में अदभुत है ।
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कई देवी देवताओं के अनोखे रंग में शुभदर्शनी सिंह कैनवस में उखेरा है जिससे सभी दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए। शुभदर्शनी सिंह के सोलो प्रदर्शनी एपिफेनी कल्पना और अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पल है जिसको शुभदर्शनी सिंह द्वारा कोविड काल में घर में रह कर विभिन्न रंगों से कैनवास में उकेरा। शुभदर्शिनी सिंह के शब्दों में ये पेंटिंग कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद हानि, अवसाद और मृत्यु से गुजर रही मेरी छिपी या दबी हुई भावनाओं और विचारों से अनायास ही उभर आई हैं।
चित्रों का यह समूह निश्चित रूप से कोलकाता/मुंबई की एक लड़की से देवभूमि की एक पहाड़न में मेरे परिवर्तन को भी दर्शाता है। शुभदर्शनी सिंह कोलकाता में पली बढ़ीं और विश्वभारती, शांतिनिकेतन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने पहले चंडीगढ़ से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक विज्ञापन एजेंसियों में कॉपीराइटर और प्रिंट जर्नलिस्ट के रूप में काम किया। वह समन्वयक के रूप में टीवी प्रोडक्शन में चली गईं, और फिर कई शैलियों में विभिन्न कार्यक्रमों के लिए निर्माता, निर्देशक, स्क्रिप्ट निर्देशक के रूप में काम करने लगीं। वह प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड के जीवन पर आधारित टीवी श्रृंखला एक था रस्टी के लिए प्रसिद्ध हैं। स्वयं प्रशिक्षित चित्रकार के रूप में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी मेडिकल आर्ट पर 2009 में आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में हुई थी। जिसके बाद उन्होंने नई दिल्ली और भारत भवन में कई कला प्रदर्शनियां कीं। कई वर्षों से उन्होंने मसूरी को अपना स्थायी घर बना लिया है।
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शुभदर्शनी सिंह ने बताया कि वह एक आउटसाइडर आर्टिस्ट है जिनके द्वारा किसी प्रकार की पेंटिंग को लेकर ट्रेनिंग नहीं ली गई है, उन्होंने कहा कि आउटसाइडर आर्टिस्ट की पेंटिंग पूरी दुनिया में इस समय काफी प्रचलित है और कई लोग इसमें काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भगवानों और पशु पक्षियों के चित्र बनाए गए हैं उसको लेकर उनके द्वारा काफी गहन अध्ययन किया गया है। वह कई पेंटिंग उनकी परिकल्पना पर आधारित है जो उनके मन में आता था वह उसको कैनवास पर उकेर दिया करती थी। उन्होंने बताया कि सुरभि अग्रवाल ने उनकी पेंटिंग पर काफी मेहनत कर उसको प्रदर्शनी के रूप में प्रदर्शित किया गया है और उनको काफी खुशी है कि उनकी पेंटिंग को सभी लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि गणेश शैली और सुरभि अग्रवाल ने कहा कि कलाकार की कला के पीछे कितनी कठिन साधना छिपी होती है, इसका अनुमान उस कलाकार से अधिक बेहतर और कोई नहीं समझ सकता। किसी कलाकार की कलाकृति का अवलोकन करने वाला दर्शक केवल उस कलाकृति की खूबसूरती और गुण की चर्चा भर करता है, लेकिन इसके पीछे छिपे संघर्ष और कष्ट की कल्पना नहीं कर पाता। सुरभि अग्रवाल ने कहा कि आर्ट स्पेस सीमित संसाधनों के बावजूद क्षेत्र के कलाकारों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और उन्हें अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं ।